
बुरहानपुर, 13 जुलाई 2025:
बुरहानपुर जिले में 15 जुलाई को संभावित बंद (Bandh) को लेकर माहौल गरमा गया है। विभिन्न संगठनों, व्यापारी संघों और नागरिक मोर्चों द्वारा बुलाए गए बंद की सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया है।
जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, ड्रोन से निगरानी, और रूट डायवर्जन जैसे कदम उठाए जा चुके हैं।
क्यों बुलाया गया है बुरहानपुर बंद?
बंद का मुख्य कारण स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर प्रशासनिक उदासीनता को बताया जा रहा है।
प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- शहर में बढ़ता ट्रैफिक और अव्यवस्थित पार्किंग
- व्यापारियों पर अनावश्यक टैक्स दबाव
- ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पानी की कमी
- सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती गुणवत्ता
संगठनों का कहना है कि अगर आवाज़ नहीं सुनी गई, तो ये सिर्फ “बंद” नहीं, बल्कि “जन आंदोलन” का रूप ले सकता है।
प्रशासन की रणनीति
प्रशासन ने स्थिति को गंभीर मानते हुए शहर में कड़ी निगरानी और विशेष सुरक्षा प्रबंधन की योजना बनाई है:
- SP और कलेक्टर स्तर की निगरानी टीम सक्रिय
- 50 से अधिक CCTV पॉइंट्स पर लाइव मॉनिटरिंग
- शहर के 12 प्रमुख चौक और सड़कों पर RAF और QRT टीमों की तैनाती
- अफवाहों पर रोक लगाने के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल एक्टिव
जिला कलेक्टर ने मीडिया से कहा:
“बंद के दिन किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शांति बनाए रखने की अपील की गई है।”
व्यापार और यातायात पर असर
बंद के कारण बाजार, स्कूल, बैंकों और निजी कार्यालयों पर असर पड़ने की पूरी संभावना है।
प्रमुख रूटों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया जाएगा।
हालांकि एम्बुलेंस, दूध, मेडिकल स्टोर और आपात सेवाएं बंद से मुक्त रहेंगी।
स्कूल और संस्थानों का निर्णय
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि:
- सरकारी स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे, लेकिन यदि अभिभावक चाहें तो अपने विवेक से बच्चों को भेज सकते हैं।
- निजी स्कूलों का निर्णय उनकी प्रबंधन समिति पर छोड़ दिया गया है।
संगठनों की अपील
बंद को सफल बनाने वाले संगठनों ने लोगों से:
- शांतिपूर्ण समर्थन देने
- सड़क पर जुलूस या हिंसक प्रदर्शन से दूर रहने
- सामाजिक मीडिया पर अफवाहें न फैलाने की अपील की है।
नागरिकों की राय
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया मिश्रित है:
“अगर बंद से प्रशासन जागे, तो समर्थन देना चाहिए,” – एक दुकानदार
“छोटे व्यापारियों का रोज़गार प्रभावित होता है,” – एक ऑटो चालक
“जनता के मुद्दे तो सही हैं, बस बंद शांतिपूर्ण हो,” – कॉलेज छात्रा
निष्कर्ष
बुरहानपुर बंद एक सामान्य विरोध नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर नागरिक जागरूकता और असंतोष का प्रतीक बन गया है।
प्रशासन जहां अलर्ट पर है, वहीं आम जनता और व्यापारी चाहते हैं कि मांगों को शांति और संवाद से सुलझाया जाए।
अब देखना यह है कि 15 जुलाई को शहर शांतिपूर्वक बंद रहता है या हालात नियंत्रण से बाहर जाते हैं।